Tuesday 7 January 2020

मुश्किल समस्याओं का मानवीय सॉल्यूशन खोजा जाना चाहिए

 इंस्टा पर आलिया भट्ट ने पढ़ने वालों को झंकझौरा 
सोशल मीडिया: 7 जनवरी 2020: (इंस्टाग्राम//जन मीडिया मंच)::
मामला सचमुच गड़बड़ाता जा रहा है। जब छात्र ही निशाना बन रहे हैं तो खतरा सचमुच बहुत गंभीर है। अफ़सोस कि ऐसे हालात में वे लोग सो रहे हैं जिन्हें जागना चाहिए था। सड़कों पर आना चाहिए थे। इस दहशतभरी चुप्पी के बावजूद जब मुख्य धारा का मीडिया अपनी ज़िम्मेदारी से कन्नी कतराने लगा है उस   समय उन लोगों का खून खौला है जिनसे उम्मीद थी ही नहीं। वे लोग बोलने का फ़र्ज़ पूरा करने मैदान में आये हैं जिन को मस्ती भरी दुनिया के मस्त लोग ही समझा जाता था। 
ऐसे में आलिआ भट्ट ने हिम्मत दिखाई है। उसने कहा है "हर दिन मामला और डिस्टर्बिंग होता जा रहा है. चल क्या रहा है?"
उसने बहुत ही ज़्यादा हिम्मत दिखाते हुए कहा है, "जब स्टूडेंट, टीचर्स और शांतिपूर्ण तरीके से प्रोटेस्ट करने वाले लोग रेगुलर तरीके से शारीरिक हमले का शिकार होने लगते हैं, तब हमें ये दिखावा बंद कर देना चाहिए कि सब कुछ ठीक है। हमें सच्चाई का सामना करना चाहिए। हमें ये स्वीकार करना चाहिए कि हम गृह युद्ध में शामिल हो चुके हैं। इस देश के लोग हमारी विचारधाराओं से कितने भी अलग क्यों न हों, हमारी सभी मुश्किल समस्याओं का मानवीय सॉल्यूशन खोजा जाना चाहिए और उन शांतिपूर्ण और इनक्लूसिव (समावेशी) आदर्शों को मज़बूत करना चाहिए, जिन पर ये देश बना था। 
कोई भी विचारधारा जो हमें अलग करती हो, हम पर ज़ुल्म करती हो और हिंसा को बढ़ावा देने का प्रयास करती हो, उसका हमें मजबूती से विरोध करना चाहिए.”
आलिआ भट्ट ने इतिहास रचा है। हमेशां याद रखा जायेगा:
इस मौके पर याद आ रही हैं रेक्टर कथूरिया की एक काव्य रचना में से कुछ पंक्तियां:
कुछ लोग वक़्त पर निकले थे; 
कुछ लोग वक़्त पर बोले थे!
जब सब दरवाज़े बंद हुए 
दिल उन्होंने अपने खोले थे!       

यह पोस्ट आपको कैसी लगी अवश्य बताएं। आपके विचारों की इंतज़ार रहेगी ही। --मीडिया लिंक रविंद्र      

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